प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है। 980 करोड़ की लागत से गुजरात में बने ओखा बेट (सुदर्शन सेतु) Signature Bridge का आज पीएम नरेंद्र मोदी ने इनॉगरेशन किया।। इस सिग्नेचर ब्रिज की लंबाई 2.5 किमी है। यह पुल द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए राहत पहुंचाने वाला होगा।
सुविधाएं:
- यह पुल द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए राहत की सौगात है।
- यात्रा का समय पांच घंटे से घटकर तीन घंटे हो जाएगा।
- पुल में 12 व्यूइंग गैलरी बनाई गई हैं।
- फुटपाथ पर दोनों ओर श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक और भगवान श्री कृष्ण के चित्र स्थापित किए गए हैं। यह देश का सबसे लंबा Signature Bridge केबल स्टे ब्रिज है।
- फुटपाथ के दोनों तरफ सोलर पैनल लगाए गए हैं जो 1 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे।
महत्व:
- यह पुल द्वारका और बेड द्वारका को जोड़ता है, जो भगवान श्री कृष्ण से जुड़े महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं।
- यह पुल पर्यटन को बढ़ावा देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
- यह पुल द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएगा।
उद्घाटन समारोह:
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पुल की सराहना करते हुए कहा कि यह पुल न केवल द्वारका और बेड द्वारका को जोड़ता है, बल्कि यह भारत की आधुनिक इंजीनियरिंग का भी प्रतीक है।
सुदर्शन सेतु: दुकानों और घरों का विध्वंस
यह सच है कि पुल के निर्माण के लिए कुछ दुकानों और घरों को तोड़ा गया है। हालांकि, यह दावा गलत है कि यह केवल पुल के निर्माण के लिए किया गया था। मुख्य कारण राष्ट्रीय सुरक्षा था। बेट द्वारका की तरफ कई सी-फेसिंग स्ट्रक्चर थे जहाँ लोग आसानी से छुप सकते थे और सुरक्षा बलों को पता नहीं चल पाता था। इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन जगहों को ध्वस्त कर दिया गया।
आजीविका पर प्रभाव
यह सच है कि पुल के निर्माण से नाव चालकों की आजीविका पर प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान में, 170 नावें बेट द्वारका और ओखा को जोड़ती हैं, और एक तरफ का किराया ₹20 है। पुल के खुलने के बाद, ज्यादातर लोग पुल का उपयोग करेंगे, जिससे नाव चालकों की आय कम होगी।
सरकार की योजनाएं
सरकार इस मुद्दे से अवगत है और नाव चालकों की आजीविका को बचाने के लिए कई योजनाएं बना रही है। एक योजना टिकट की कीमत ₹50 तक बढ़ाने की है। इसके अलावा, सरकार ने निजी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि वे लक्जरी क्रूज और डॉल्फिन देखने की सुविधाएं प्रदान कर सकें।
निर्माण:
पीएम मोदी ने 2017 में ही इसका भूमि पूजन किया था इसके साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को भी मेडिकल इमरजेंसी में स्पेशल वोट करके जाने की जरूरत पड़ती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इस Signature Bridge का भूमि पूजन किया था | पुल का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था। पुल का डिजाइन लंदन की एक कंपनी ने तैयार किया है। पुल में 164 केबल और 4,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। पुल 80 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा का सामना कर सकता है।
आर्थिक प्रभाव:
पुल के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बदलाव मिला है। पुल के निर्माण में 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। पुल के खुलने से पर्यटन में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिस्से स्थानीय व्यवसायों को लाभ होगा.
पुल के निर्माण से पर्यावरण पर कुछ प्रभाव पड़ा है। पुल के निर्माण के लिए मंग्रोव के जंगल के एक हिस्से को काटना पड़ा। हालांकि, पुल के निर्माताओं ने पर्यावरण की क्षति को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने मंग्रोव के जंगल के एक नए हिस्से को लगाया है और उन्होंने पुल के डिज़ाइन में ऐसे बदलाव किए हैं जो पक्षियों और समुद्री जीवन के लिए अधिक सुरक्षित हैं।
(Sudarshan Setu) ओखा बेट द्वारका Signature Bridge एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका भारत के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और पर्यावरण प्रभाव पड़ेगा। यह पुल द्वारका और बेट द्वारका को जोड़ता है, जो भगवान श्री कृष्ण से जुड़े महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। यह पुल पर्यटन को बढ़ावा देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। यह पुल द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएगा।read more