आजकल देश में telecom सेक्टर में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ सालों में बहुत सी नई कंपनियाँ आईं हैं, जैसे कि Jio और Airtel, जिनके बीच में काफी प्रतिस्पर्धा है। दूसरी ओर, vodafone-idea की हालत थोड़ी कमजोर हो रही है। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों के यूजर्स अब भी उनकी सेवाओं पर निर्भर हैं, और यह बात ध्यान में रखने लायक है।
टेलीकॉम टैरिफ में 2024 में तकनीकी संभावनाओं के आधार पर लगभग 20% तक की वृद्धि हो सकती है।अनुमान लगाया जा रहा है कि जैसे ही चुनाव खत्म होगा, टैरिफ बढ़ाने वाले हैं ये सारे टेलीकॉम कंपनी।
What is happening?
2024 के दौरान, हम उम्मीद करते हैं कि भारत में मोबाइल टैरिफ 20% बढ़ जाएंगे क्योंकि ऑपरेटर्स की रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (ROCE) को सुधारने पर जोर देने की संभावना है, जो फाइनेंशियल वर्ष 2024 में भारी नेटवर्क निवेशों के कारण अपेक्षित रूप से कम होगा। जेफरीज एनालिस्ट अक्षत अग्रवाल ने कहा।
debt-ridden वोडाफोन आइडिया में 33% हिस्सा रखने वाली सरकार, भी टैरिफ हाइक का समर्थन कर सकती है ताकि टेलको के अस्तित्व को समर्थन मिले, जिससे टैरिफ हाइक के लिए संपूर्ण दृष्टिकोण में सुधार हो।
टैरिफ बढ़ने की वजह:
- भारतीय टेलीकॉम कंपनियों पर भारी कर्ज है। 4.17 लाख करोड़ का कर्ज 2027 तक बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
- 5G स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए कंपनियों ने सरकार से भारी कर्ज लिया है।
- कंपनियों को अपनी आय और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता है।
- ARPU 1.5% तक लाने के लिए टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता है।
ARPU क्या है?
ARPU का मतलब है एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (Average Revenue Per User)। यह दर्शाता है कि एक टेलीकॉम कंपनी औसतन एक यूजर से कितना राजस्व कमाती है।
ARPU कैसे बढ़ाया जा सकता है?
ARPU को बढ़ाने के लिए कंपनियां कई तरीके अपना सकती हैं, जैसे:
- यह ARPU को बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है। डेटा पैकेजों की कीमत बढ़ाने से भी ARPU में वृद्धि होगी।
- कंपनियां नए और महंगे प्लान पेश करके भी ARPU को बढ़ा सकती हैं।
- दुनिया में सबसे ज्यादा डेटा उपयोग करने वाला देश इज़राइल है।
- भारत में ARPU ₹100 है।
- भारतीय टेलीकॉम कंपनियों पर 4.17 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
टैरिफ बढ़ने का प्रभाव:
- टैरिफ बढ़ने से ग्राहकों पर बोझ बढ़ेगा।
- डेटा की कीमत बढ़ने से डेटा उपयोग में कमी हो सकती है।
- टैरिफ बढ़ने से कंपनियों की आय और लाभप्रदता में वृद्धि होगी।
क्या Telecom टैरिफ बढ़ना उचित है?
यह एक जटिल प्रश्न है। एक तरफ, कंपनियों को अपनी लागत वसूलने और लाभ कमाने के लिए टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ, ग्राहकों पर पहले से ही महंगाई का बोझ है, और टैरिफ बढ़ने से उन पर और अधिक बोझ पड़ेगा।
Debt on telecom company
Is the hike justified ?
कई देशों में ये देखा गया है कि वहां लोगों की औसत आमदनी और Telecom कंपनियों की कमाई का एक खास अनुपात होता है। उदाहरण के लिए, 45 देशों के अध्ययन में पाया गया कि जिन देशों में लोगों की औसत आमदनी $2000-3000 अमेरिकी डॉलर के बीच है, वहां टेलीकॉम कंपनियों की कमाई का अनुपात आमदनी का 1.5% होता है।
वहीं भारत में अभी ये अनुपात 1.1% है, यानी कि टेलीकॉम कंपनियों की कमाई लोगों की औसत आमदनी का सिर्फ 1.1% है। अगर भारत का अनुपात भी 1.5% हो जाए, तो Telecom कंपनियों की कमाई 30% बढ़ सकती है। इसी वजह से कुछ लोगों का मानना है कि टैरिफ बढ़ाना जरूरी हो सकता है।
लेकिन, यह भी सच है कि इससे ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। इसलिए, टैरिफ बढ़ाना सही है या नहीं, यह एक जटिल सवाल है।
Conclusion
रिलायंस जियो ने पूरे देश में 5G नेटवर्क लॉन्च कर दिया है, जबकि एयरटेल धीरे-धीरे 5G सेवाएं शुरू कर रहा है। वोडाफोन आइडिया ने अभी तक 5G के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
टेलीकॉम कंपनियां अब कमाई बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। इसलिए, हो सकता है कि वो ज़्यादा पैसे खर्च करने वाले ग्राहकों को मिलने वाला अनलिमिटेड 5G डेटा बंद कर दें। इसकी जगह ज़्यादा डेटा वाले 5G प्लान ज़्यादा कीमत पर पेश करें।
जेफरीज नाम की कंपनी का कहना है कि भले ही 5G से सीधे तौर पर कमाई में बहुत फर्क न पड़े, लेकिन इससे रिलायंस जियो को वोडाफोन आइडिया से ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने में मदद मिल सकती है I read more