Ram mandir ayodhya : दोस्तों आजकल सबसे ज्यादा चर्चा जिस विषय के बारे में हो रही है वह है राम मंदिर और चर्चा होगी क्यों नहीं आखिर 400 साल बाद
भगवान राम की अयोध्या वापसी जो हो रही है|
भगवा राम जो की विष्णु जी के अवतार थे|
विष्णु जी ने त्रेता युग में राम भगवान के रूप में राजा दशरथ के घर जन्म लिया था,ये तो सभी जानते हैं
किंतु वर्तमान में राम मंदिर या राम लला इतनी चर्चा का विषय क्यों बना हुआ है यह सायद कम लोग ही जानते होंगे ,दोस्तो आज
हम आपको बताएँगे की राम मंदिर विवाद,इसकी 400 साल पुरानी कहानी,इसका सुरुआत कब और कैसे हुई|
राम मंदिर का इतिहास
ram mandir photo
दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है, ऐसा माना जाता है कि 15 शताब्दी पूर्व जब मुगलों
का शासन था तब मुगलों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था|
हिंदू समाज ने इस स्थल के लिए यह दावा प्रस्तुत किया कि यह स्थान भगवान राम का जन्मस्थान है और पुराने समय में यहाँ एक मंदिर मौजूद था जिसे
तुड़वाकर मशजिद का निर्माण मुगलों द्वारा करवाया गया था |
हिन्दू धर्म के भक्तों का विश्वास है कि मुख्य गुंबद के नीचे ही भगवान राम का जन्मस्थान है।
1853 मैं बाबरी मस्जिद के आस पास पहली बार दंगे हुए|
1859 में विवादित स्थल पर बाड़ लगाई गई, जिससे मुस्लिम समुदाय को ढांचे के भीतर और हिन्दू समुदाय को बाहरी चबूतरे पर पूजा करने की अनुमति मिली।
वास्तविक विवाद की शुरुआत 23 दिसंबर 1949 को हुई, जब मस्जिद के अंदर भगवान राम की प्रतिमाएँ मिलीं।
जिसके बारे में हिंदू समुदाय का मानना था की भगवान राम वहा प्रगट हुए है ,जबकी मुसलमानो का यह मानना था कि किसी ने रात में
चुपचाप वो मुर्तिया मस्जिद में रख दी है |
इसी विवाद के चलते सरकार ने उसे जगह पर ताला लगा दिया|1984 मैं विवादित ढांचे की जगह मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने एक समिति गठित की|
6 dec 1992 को VHP और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों ने लाखों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया |
देश भर में सांप्रदायिक दंगे भड़काए गए, जिसमें 2000 से ज्यादा लोग मारे गए|
साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई |
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के बाहर समझौता करने का फैसला किया, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया तथा सुनवाई यथावत चलती रही|
9 नवंबर 2019 को, एक लंबी चर्चा के बाद, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की समिति ने राम मंदिर के समर्थन में निर्णय दिया और मस्जिद के मुद्दे पर भी फैसला सुनाया।
लिए अलग से पांच एकड जमीन देने का आदेश दिया|
अंततः वह महत्वपूर्ण दिवस आ पहुंचा जब 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के पूजन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।
आरएसएस संघचालक मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु संत समेट 175 लोगो को न्योता|
मित्रों, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई।
कुछ लोग सोचते हैं कि यह संघर्ष धार्मिक संप्रदाय का था, परंतु यह विचार असत्य है। यह युद्ध किसी संप्रदाय का नहीं, बल्कि भगवान राम के नाम पर था।
रामलला की थी (भगवान राम के बचपन का रूप),ऐसे तो अयोध्या में हजारों राम सीता के मंदिर हैं लेकिन यह भगवान राम के जन्म स्थान की लड़ाई थी|
राम मंदिर की खासियत
ram mandir ayodhya, over view
तो अब हम आपको राम मंदिर की खासियत बताते हैं। राम मंदिर का निर्माण किस शैली में और किन विशेषताओं के साथ किया जा रहा है।
भगवान श्री राम का मंदिर, जो परंपरागत नागर शैली में बनाया जा रहा है, उसके बारे में जानिए। इस मंदिर के मुख्य द्वार गर्भगृह में प्रभु श्री राम के बाल रूप को स्थापित किया जाएगा ।
बीच में रामलला का दिव्य मंदिर है, जो चारों तरफ से नौ गुंबदों से घिरा हुआ है।
भगवान श्री राम की मूर्ति, मूर्तिकार अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई है। तो मंदिर के पहले तल पर श्री राम का दरबार होगा।
राम मंदिर में 5 मंडप बनाये गये हैं:-
- नृत्य मंडप
- रंग मंडप
- सभा मंडप
- प्रार्थना मंडप
- कीर्तन मंडप
बुज़ुर्गों और दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था:-
Ram mandir ayodhya – image from Times Now
रैम्प बनाया जा रहा है लिफ्ट बनाई जा रही है| मंदिर के चारों कोनो पर चार मंदिर होंगे |
1.सूर्य मंदिर
2.गणपति मंदिर
3.मां भगवती मन्दिर
4.भोलेनाथ का मंदिर
मंदिर के उत्तरी भूजा में माँ अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण किया जा रहा है |
मंदिर के दक्षिणी पक्ष में हनुमान जी का एक मंदिर स्थापित है।
मन्दिर परिसर में महर्षि वाल्मिकी,महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र,महर्षि अगस्त्य ,ऋषि पत्नी अहिल्या ,माता सबरी, महर्षि निसादराज
का मंदिर का निर्माण किया जा रहा है
राम मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है |
इस प्रकार भगवान राम के मंदिर को विशेषाओं के साथ निर्मित किया जा रहा है, जिसके कार्यक्रम का शुभारम्भ 16 जनवरी 2024 से
प्राणप्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी 2024 को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे।
और पीएम मोदी ने सभी देशवासियो से निवेदन किया है भगवान राम के आगमन की ख़ुशी मैं 22 जनवरी के दिन को
दीपावली की तरह दीप जला कर, अपने अपने घरो में श्री राम का झंडा फेरा कर उत्सव के रूप में मनाया जाए|
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