आज देश में सभी जगह रामलला के नाम की धूम मची है, क्योंकि आखिरकर 500 साल के लम्बे इंतजार के बाद वो दिन आ गया जब Ram Mandir Ayodhya में राम जी के बाल स्वरूप की भव्य प्रतिमा ने राम लला का शानदार अभिवादन किया है।
दोस्तों हम सभी कई महिनो से इन के बारे में सुन रहे थे कि राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है, रामलला की मूर्ति का निर्माण किसके द्वारा किया जा रहा है, कब मूर्ति को अयोध्या में लाया जयेगा, और सभी बातों के बाद और लम्बे इंतजार के बाद 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में रामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठापना की गई|
राम लला की मूर्ति का शुभ मुहूर्त |
22 जनवरी 2024 को, अभिजीत मुहूर्त, इन्द्रियों के साथ, मार्गशीर्ष नक्षत्र, मेष लग्न, और वृश्चिक नवांश में प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम संपन्न हुआ।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त 84 सेकेंड का था जो कि 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक था |
राम लला की मूर्ति का विवरन |
दोस्तों रामलला की मूर्ति को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है जिसमें श्री राम की प्रतिमा की लम्बाई 4 पॉइंट 24 feet है तथा चौड़ाई 3 feet है,भगवान श्री राम की प्रतिमा का वजन लगभग 200 किलो है|
भगवान श्री राम की प्रतिमा में मस्तक प्रति सूर्य, स्वस्तिक, ओम,गदा और चक्र हैं मूर्ति में भगवान विष्णु के मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन ,परशुराम, राम,कृष्ण, बौद्ध और कल्कि अवतारो की भी बनाया गया है |
वही भगवान राम की प्रतिमा में नीचे स्थान पर दाई तरफ हनुमान जी और बाई तरफ गरुड़ देव जी भी बनाये गए हैं|
Ram Mandir Ayodhya pran pratishtha specific details
दोस्तों राम मंदिर में स्थापित रामलला मूर्ति की तस्वीरें कई दिनों पहले ही वायरल हो चुकी थी जो कि सभी लोगों ने देखी होगी जिसमें देखा गया है कि रामलला की मूर्ति का रंग काला है|
लेकिन रामलला की मूर्ति के इस काले रंग को देखकर सभी के मन में यह प्रश्न आया है कि रामलला की मूर्ति का रंग काला ही क्यों चुना गया है?
तो दोस्तों हम आपको बताते हैं कि रामलला की मूर्ति का रंग काला ही क्यों चुना गया और यह मूर्ति किस पत्थर से बनाई गई है और यह पत्थर कहां से लाया गया है और इस पत्थर की खासियत क्या है
तो आपको बता दें कि मूर्ति का निर्माण जिस पत्थर से किया गया है वह पत्थर भगवान राम के ससुराल यानि जनकपुरी (नेपाल ,काठमांडू) से लाया गया है और माना गया है कि यह पत्थर कोई सामान्य पत्थर न होकर गंडक नदी से लाया गया शालिग्राम पत्थर है और शास्त्रों के अनुसर शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप है और भगवान राम भी विष्णु के ही अवतार हैं इसीलिए रामलला की मूर्ति का निर्माण इसी शालिग्राम पत्थर से किया गया है|
इस पत्थर की विशिष्टता यह है कि शालिग्राम पत्थर पूर्ण रूप से शुद्ध है इसमे कोई और पत्थर की मिलावत नहीं है तथा इसपर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता बल्की पानी गिरने से इसकी चमक और बढ़ती है|
तथा हिंदू शास्त्रों में शालिग्राम पत्थर को बहुत ही पवित्र माना जाता है| तो ये था रामलला की मूर्ति का विवरन |
Ram Mandir pran pratishtha में मुख्य अतिथि
राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बहुत सारे अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया था लेकिन मुख्य अतिथि के तौर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया गया था|
पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था,तथापि उन्हो ने हिंदू शास्त्रों के अनुरूप मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में जाने वाले नियमों का पालन भी किया |
पीएम मोदी द्वार प्राण प्रतिष्ठा के दौरान किए गए नियम पालन
पीएम मोदी और कई अन्य गणमान्य अतिथि 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए ,प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी ने 11 दिनों के लिए यम नियमों का पालन किया था और देश के दक्षिणी हि सों में रामायण से संबंधित मंदिरों की आध्यात्मिक यात्रा भी की थी जो की रविवार को अरिचल मुनाई के पास राम मंदिर में पूजा करके पूरी की गई थी|
पीएम मोदी is दौरान अपने विशेष धार्मिक परंपराओं के अनुरूप फर्श पर कंबल के ऊपर सोये थे और सिर्फ नारियल पानी का ही सेवन कर रहे थे तथा पीएम मोदी द्वारा is दौरान गौ पूजा और गो सेवा भी की गई थी|
दोस्तों इस प्रकार पीएम मोदी ने देश के प्रधानमंत्री होने के नाते राम मंदिर कार्यक्रम में सभी नियमों का पालन किया तथा मोदी स्वयं भी एक बहुत बड़े राम भक्त हैं|
दोस्तों राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी और जानकारी हम आपको अपने अगले पोस्ट में देंगे यह पोस्ट आपको कैसी लगेगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं|